हरकी पैड़ी पर ‘बाबरी भवन’ और उसमें राम मंदि

हरि की नगरी हरिद्वार में बाबरी भवन, लाहौर हाउस, रावलपिंडी धर्मशाला जैसे भवन पर्यटकों को चौंकाते हैं। खास बात यह है कि बाबरी भवन में राम मंदिर भी है।

आप कभी गऊघाट से सुभाष घाट होते हुए हरकी पैड़ी जाएं तो बायीं ओर बाबरी भवन दिखाई देगा। हरकी पैड़ी पर ही ढाई दशक पूर्व हरिद्वार नगरपालिका का बोर्ड लगा था कि यहां गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है।

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बाबरी भवन की चमक अभी बरकरार
तब वह बोर्ड बाबरी भवन के पास ही लगा था। बाद में बोर्ड हटा लिया गया, हालांकि बाबरी भवन की चमक अभी बरकरार है।

यहां आने वाले अधिकतर लोग पूछते हैं कि क्या इस तीर्थ स्थल पर भी मुगल बादशाह बाबर ने कोई भवन बनवाया था, तो उन्हें जवाब मिलता है कि बाबर कभी नहीं आया।

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बाबरी गोत्र के वैश्य
दरअसल, इसे यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के बाबरी ग्राम के सेठ लाल सोम प्रकाश मित्तल ने करीब तीन दशक पूर्व अपने गांव के नाम से भवन का निर्माण कराया था और उसके संचालन का दायित्व अपने तीर्थ पुरोहित पंडित श्यामसुंदर को सौंपा था।

बाबरी गोत्र के वैश्य बाबरी के अलावा राजस्थान में भी रहते हैं। भवन निर्माता ने तब अपने गांव और गोत्र के अनुसार भवन का निर्माण कराया था। लेकिन भवन पर बाबरी की पट्टी देखकर लोग गच्चा खा जाते हैं।

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यहां लाहौर हाउस भी
धार्मिक वजहों से हरिद्वार कभी अखंड भारत से जुड़ा था। यही वजह है कि यहां लाहौर हाउस भी है और रावलपिंडी (दोनों अब पाकिस्तान में) धर्मशाला भी हैं। कंधार (अफगानिस्तान) के नाम भी कंधारी धर्मशाला यहां पर मौजूद है।

अखिल भारतीय धर्मशाला प्रबंधक सभा के अध्यक्ष सुरेंद्र भारद्वाज बताते हैं कि खास शहरों के लोगों ने चंदा करके यहां कई भवन बनाए। कई धन्नासेठों ने भवनों का निर्माण कराया। अब जातिगत भवन बनाने की प्रवृत्ति बढ़ी है।

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राज्यों और शहरों के नाम के भी भवन
धार्मिक लाभ के लिए नियमित रूप से लोग हरिद्वार आते रहे हैं। पहले होटल कम थे। इसलिए समृद्ध लोगों ने अपने राज्य और शहरों के नाम पर भवन बनवा लिए। यहां गुजरात के कच्छ निवासियों का कच्छी आश्रम है तो जयपुरिया भवन, पीलीभीत हाउस, जोधपुर भवन, संगरूर धर्मशाला, गोविंदगढ़ धर्मशाला, अमृतसर धर्मशाला, पुंछ हाउस, जम्मू भवन, गिरनार भवन, बरेली धर्मशाला, मंडी हाउस, लखनऊ धर्मशाला, सिंध भवन, टिहरी हाउस जैसी इमारतें भी। यही नहीं, विभिन्न जातियों और बिरादरियों के नाम पर भी भवन निर्मित हैं।

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